अहिले ने गंगापार उजारो।
खुटिया बूढ़ि नरौधो बूढ़ो, बूढ़ि गओ भइँसारो
खद्दीपुर की गढ़ी बूढ़ि गई कहा करइ राजा बेचारो
मका बूढ़ि जब ककुनी बूढ़ी बूढ़े उद्द बिचारे
बउ अहिलो मूँड़न पइ पहुँचो कहा करइ मउठी बेचारो
अहिले नही गंगापार उजारो.
-रमला कुर्मी
अताईपुर, जिला- फर्रुखाबाद